चिटफंड कंपनी मेक्सिजोन मामले में ईडी की कार्रवाई तेज, जेल में बंद दंपती से होगी पूछताछ
RANCHI
चिटफंड कंपनी मेक्सिजोन के डायरेक्टर चंद्रभूषण सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका सिंह को मंगलवार को रांची स्थित PMLA विशेष कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। दोनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में बंद हैं।
इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से अदालत में आवेदन देकर दोनों आरोपियों से रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की अनुमति मांगी गई। ईडी के आवेदन पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी दंपती से पूछताछ की अनुमति दे दी। मंगलवार को चंद्रभूषण सिंह और प्रियंका सिंह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से PMLA विशेष कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।
ईडी ने चिटफंड कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी से जुड़े मामले की जांच अपने हाथ में लेते हुए कांड संख्या 9/2025 दर्ज की है। इस मामले में दिसंबर महीने में एजेंसी ने कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।
गौरतलब है कि मेक्सिजोन कंपनी के निदेशक चंद्रभूषण सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका सिंह के खिलाफ ठगी के मामलों में देश के पांच राज्यों में प्राथमिकी दर्ज है। झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक के विभिन्न थानों में इस चिटफंड कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं।
जांच में सामने आया है कि मेक्सिजोन चिटफंड कंपनी के रूप में पंजीकृत नहीं थी। यह कंपनी Maxizone Touch Private Limited के नाम से रजिस्टर्ड थी, जिसका आधिकारिक काम मार्केटिंग बताया गया था। लेकिन कंपनी ने अवैध तरीके से लोगों से निवेश कराना शुरू कर दिया और कम समय में अधिक रिटर्न देने का लालच दिया।
निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी ने शुरुआत में कुछ लोगों को 15 से 20 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया, जिससे कंपनी की साख बनी और बड़ी संख्या में लोग निवेश करने लगे। इसके बाद झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक के अल्प आय वर्ग के लोगों से करीब 521 से 600 करोड़ रुपये का निवेश कराया गया।
राशि जुटाने के बाद कंपनी के निदेशक सभी राज्यों से अपने कार्यालय बंद कर फरार हो गए। फरारी के दौरान चंद्रभूषण सिंह लगातार ठिकाना बदलता रहा और बाद में उसने अपना नाम बदलकर दीपक सिंह रख लिया। फर्जी दस्तावेजों के सहारे वह नोएडा में रह रहा था, जहां इस साल अगस्त में उसे नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया।
झारखंड प्रवर्तन निदेशालय ने इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए जमशेदपुर के साकची थाने में दर्ज प्राथमिकी को ECIR में बदलकर जांच शुरू की थी। जांच के दौरान ईडी ने पहली बार सितंबर 2025 में चंद्रभूषण से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। इसके बाद दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, बनारस, देहरादून और वैशाली में भी कार्रवाई की गई। पहले की छापेमारी में मिले तथ्यों के आधार पर चार दिसंबर 2025 को दूसरी बार छापेमारी की गई थी।

