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बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मोकामा में जन सुराज पार्टी समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद निर्वाचन आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। शनिवार को जारी आदेश में आयोग ने बाढ़ और मोकामा क्षेत्र के कई अफसरों पर कार्रवाई करते हुए चार अधिकारियों का तबादला और एक को निलंबित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही पटना ग्रामीण के एसपी को भी पद से हटा दिया गया है।
निर्वाचन आयोग ने बिहार के डीजीपी विनय कुमार से कल दोपहर तक विस्तृत एक्शन टेकेन रिपोर्ट मांगी है। आदेश के मुताबिक, बाढ़ के एसडीओ सह मोकामा विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर चंदन कुमार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। उनकी जगह पटना नगर निगम के अतिरिक्त नगर आयुक्त आशीष कुमार को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके अलावा, बाढ़ के एसडीपीओ राकेश कुमार और अभिषेक सिंह का भी तबादला कर दिया गया है। इनकी जगह 2022 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद कुमार सिंह और आयुष श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया है। हटाए गए तीनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले, घोसवारी थाने के एसएचओ मधुसूदन कुमार और भदौर थाने के एसएचओ रवि रंजन को निलंबित किया गया था।
दुलारचंद की मौत के बाद बढ़ा सियासी पारा
30 अक्टूबर को मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान दो गुटों के बीच फायरिंग में दुलारचंद यादव की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज की हैं और दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण कार्डियोरेस्पिरेटरी फेल्योर बताया गया है।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस घटना को ‘जंगल राज की वापसी’ करार दिया और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी हिंसा की निंदा करते हुए निर्वाचन आयोग से त्वरित कार्रवाई की मांग की थी।
बाहुबलियों की जमीन पर फिर टकराव
मोकामा हमेशा से बाहुबलियों का गढ़ रहा है — यहां अनंत सिंह, उनके भाई दिलीप सिंह और सूरजभान सिंह जैसे नाम दशकों से राजनीति में असर रखते आए हैं। इस बार 6 नवंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान में जेडीयू के अनंत सिंह और आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी (पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी) के बीच कांटे का मुकाबला है।
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा के लिए वोटिंग दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होगी, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।




