हेल्थ डेस्क
उद्योगपति रतन टाटा को अचानक ब्लड प्रेशर कम होने के बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के आइसीयू में भर्ती करावाया गया था। इस बारे में बातचीत करते हुए आर्टिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन का कहना है कि 70 की उम्र के बाद दिल की कमज़ोरी बढ़ने लगती है, जो लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure in old age) होने का मुख्य कारण साबित होता है। इसके अलावाऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन भी इस समस्या का कारण बनता है। साथ ही शरीर में डिहाइड्रेशन के बढ़ने से भी लो ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में 70 की उम्र के बाद रोज़ाना एक बार ब्लड प्रेशर (Low blood pressure in old age) अवश्य चैक करें। सिस्टोलिक प्रेशर (Systolic pressure) 100 से 140 तक होना चाहिए और डायस्टोलिक प्रेशर (Diastolic pressure) 70 से लेकर 90 तक नॉर्मल माना जाता है। अगर इसमें कुछ भी उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है, तो जल्द डॉक्टर से संपर्क करें और स्वास्थ्य की जांच करवाएं। अन्यथा इससे हृदय संबधी रोगों और सेप्सिज़ समेत अन्य संक्रमणों का खतरा बना रहता है।
low blood pressure ka kaise pata lagayein
रोज़ाना एक बार ब्लड प्रेशर अवश्य चैक करें। सिस्टोलिक प्रेशर 100 से 140 तक होना चाहिए और डायस्टोलिक प्रेशर 70 से लेकर 90 तक नॉर्मल माना जाता है।। चित्र : अडॉबीस्टॉक
बढ़ती उम्र के साथ बढ़ जाता है लो ब्लड प्रेशर का जोखिम (low blood pressure by age)
बुजुर्गो के खानपान से लेकर उनके उठने बैठने का तरीका भी लो ब्लड प्रेशर का कारण साबित होता है। दरअसल, रक्तचाप में अचानक गिरावट को ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन यानि ओएच कहा जाता है। इसे पोस्टुरल हाइपोटेंशन (Postural hypotension) के रूप में भी जाना जाता है। नेशनल हार्ट लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट के अनुसार वे लोग जो बुजुर्ग हैं, उन्हें अचानक बैठने या फिर लेटने के बाद खड़े होने पर भी चक्कर आने और कमज़ोरी का सामना करना पड़ता हैं। इसके अलावा वे लोग जो हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं लेते है। उसके साइड इफेक्ट के तौर पर भी लो ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ता है। जर्नल ऑफ़ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के 10 प्रतिशत से अधिक बुजुर्ग इस स्थिति से पीड़ित हैं।