Patna
सारण जिले के जनता बाजार और आसपास के क्षेत्रों में आर्केस्ट्रा कारोबार पर बिहार पुलिस की सख्त कार्रवाई का प्रत्यक्ष असर देखने को मिल रहा है। कुछ समय पहले तक जहां देर रात तक मंच, संगीत और डांस कार्यक्रमों की आवाजें गूंजती थीं, वहीं अब ये आयोजन काफी कम हो गए हैं। पुलिस के लगातार छापों और गिरफ्तारी की आशंका के कारण बड़ी संख्या में नर्तकियों ने काम छोड़कर अपने घरों की राह पकड़ ली है, जिसकी वजह से आयोजकों को बुकिंग रद्द करनी पड़ रही है।
पुलिस की कार्रवाई का सामाजिक स्तर पर भी असर दिखा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कदम महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी था और प्रशासन को ऐसी सख्ती आगे भी जारी रखनी चाहिए। नर्तकियों की उपलब्धता कम होने के कारण जो कलाकार अभी भी काम कर रही हैं, उन्होंने अपना मेहनताना दो से तीन गुना तक बढ़ा दिया है। पहले जहां एक कार्यक्रम का भुगतान एक से दो हजार रुपये होता था, वहीं अब यह पांच हजार रुपये से ऊपर पहुंच चुका है।
व्यवसाय पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ा है। मांग अधिक होने और नर्तकियों की संख्या घटने से कई संचालक कठिन आर्थिक स्थिति में फंस गए हैं। कुछ ने काम सीमित कर दिया है, जबकि कुछ बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। पुलिस ने पिछले एक वर्ष में कार्रवाई करते हुए 279 लड़कियों को आर्केस्ट्रा से मुक्त कराया है और 93 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। कई मामलों में पाक्सो समेत गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा ताकि अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लग सके।
इस कार्रवाई ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी असर डाला है। जनता बाजार क्षेत्र में आर्केस्ट्रा उद्योग से लगभग 15 से 20 हजार लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े थे। नर्तकियों के हटने और आयोजनों में कमी के चलते इनकी आजीविका प्रभावित हुई है। कई शादी समारोह और सामाजिक कार्यक्रम बीच में ही रद्द करने पड़े, जिसके कारण आयोजकों और साटेदारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। कुछ संचालक बुकिंग लेकर क्षेत्र से गायब हो गए, जिससे विवाद भी बढ़े।
लंबे समय से आर्केस्ट्रा संस्कृति में अश्लीलता, शोषण और अनैतिक गतिविधियों को लेकर स्थानीय लोगों में असंतोष था। लगातार शिकायतों और मीडिया रिपोर्ट्स के बाद प्रशासन अब सक्रिय हुआ है। लोगों को उम्मीद है कि यह अभियान महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करेगा और आगे आर्केस्ट्रा का संचालन केवल मर्यादा और कानून के दायरे में ही हो सकेगा।

