RANCHI
झारखंड स्थापना के 25वें वर्षगांठ पर राजधानी रांची में आयोजित भव्य “झारखंड जतरा” में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन शामिल हुए। जैप-1 ग्राउंड, डोरंडा से लेकर फिरायालाल चौक होते हुए बिरसा मुंडा स्मृति पार्क तक निकाले गए इस सांस्कृतिक जुलूस में मुख्यमंत्री ने पारंपरिक ढोल–नगाड़ा बजाकर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया और अल्बर्ट एक्का चौक तक पैदल चलते हुए जुलूस का हिस्सा बने।
“झारखंड जतरा” में राज्य की विविध जनजातियों और स्थानीय समुदायों ने अपनी समृद्ध परंपराओं को नृत्य, गीत, वाद्ययंत्र और झांकियों के जरिये प्रस्तुत किया। जिलों से आई झांकियों में झारखंड की लोककला, त्यौहार, ऐतिहासिक नायक–नायिकाएँ और वीर सपूतों का योगदान बेहद आकर्षक अंदाज में दिखाया गया। कार्यक्रम के दौरान हेलिकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा ने पूरे शहर में उत्सव का माहौल और जीवंत कर दिया।
मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को रजत जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि झारखंड संघर्ष, अस्मिता और गौरव की भूमि है। उन्होंने कहा कि सरकार झारखंड की भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को मजबूती देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उनके अनुसार “झारखंड जतरा” राज्य की एकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम बनेगा।
सुबह कार्यक्रम की शुरुआत जैप-1 ग्राउंड में हुई, जहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने नगाड़ा बजाकर जतरा को रवाना किया।
समापन अवसर पर कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की और विधायक कल्पना सोरेन बिरसा मुंडा स्मृति पार्क पहुंचीं और ढोल–नगाड़ा बजाते हुए पारंपरिक नृत्य में शामिल होकर जतरा का स्वागत किया।
कार्यक्रम में विभिन्न जनजातीय समुदायों के प्रतिनिधि, विद्यार्थी, सांस्कृतिक दल और बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए। रजत जयंती का यह आयोजन झारखंड की संस्कृति, अस्मिता और जनगौरव का प्रतीक बनकर एक यादगार क्षण साबित हुआ।

