CM हेमंत सोरेन ने पौने दो लाख किसानों के खाते में भेजे 400 करोड़ 66 लाख रुपए

रांची

26th September 2024


मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा प्रभात तारा मैदान, धुर्वा, रांची में आयोजित झारखंड कृषि ऋण माफी योजना कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 1 लाख 76 हज़ार 977 किसानों के 400 करोड़ 66 लाख रुपए के ऋण अदायगी राशि का डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरण किया। मौके पर सीएम ने कहा, हमारा राज्य देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। यहां के लोग खेती-बाड़ी पर निर्भर रहते हैं। सरकार 24 घंटे राज्य की जनता की सेवा में लगी हुई है। हम लोगों ने पहले चरण में ₹50 हजार तक का ऋण माफ करने की योजना बनाई थी और किसानों को लाभ भी दिया था, लेकिन मौसम की मार किसानों को लगातार दो-तीन वर्ष से हो रही थी।

सीएम ने कहा, किसान अगर एक बार मौसम की मार खाता है तो उसे कमर सीधा करने में समय लगता है, इसलिए हम लोगों ने राज्य के लगभग 38 लाख पंजीकृत किसानों को ₹2 लाख तक का ऋण माफ करने का निर्णय लिया। आज उसी के तहत करीब लगभग 400 करोड़ का ऋण माफ किया जा रहा है। आप लोगों ने सुना होगा कि पूरा देश का किसान भारतीय जनता पार्टी की सरकार को एक साल से अधिक समय तक दिल्ली में घेर कर बैठ गया था। दिल्ली में किसान इस तरह घेर कर बैठे कि भारत सरकार उस चार दिवारी से बाहर नहीं निकल पा रहा था। उस आंदोलन में कई किसानों की जान भी चली गई।

उन्होंने आगे कहा, लेकिन किसान डटे रहे, क्योंकि यही एनडीए भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के लिए काला कानून लेकर आ रही थी। पूरे देश के किसानों को व्यापारियों के हाथों बेचने की तैयारी हो रही थी। वैसे भी देश का सब संपत्ति ये लोग बेच चुके हैं। इस देश की रीड की हड्डी, जिसे हम किसान कहते हैं, इन्हें भी बेचने की तैयारी में केंद्र सरकार थी। लेकिन किसानों ने हार नहीं मानी और इतना जबरदस्त आंदोलन किया कि आखिरकार सरकार को घुटने टेकने पड़े और तीनों काला कानूनों को वापस लेना पड़ा।

सीएम ने कहा, आज नमक, तेल, जूता, चप्पल, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई सब में आपको टैक्स लगता है। आपके टैक्स का पैसा उन व्यापारियों की जेब में जाता है। आज देश के किसानों को उनकी आय दोगुनी करने का, एमएसपी बढ़ाने का पैसा भाजपा के पास नहीं है, बुजुर्गों को बुढ़ापे का सहारा लाठी, जो पेंशन के रूप में होता है, वह देने का पैसा उनके पास नहीं है। इस देश की आधी आबादी को सशक्त करने का, उनको अपने पैरों पर खड़ा करने हेतु हिम्मत देने के लिए उनके पास संसाधन नहीं है। लेकिन अपने बड़े-बड़े व्यापारी मित्रों के लिए लाखों रुपया इनके पास भरा पड़ा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *