गुड न्यूज: इन आसान दस्तावेज के सहारे भी मिलेगी CAA के तहत नागरिकता

नेशनल डेस्क

CAA के तहत नागरिकता पाने वालों के लिए केंद्र सरकार ने गुड न्यूज दी है। सरकार ने CAA के तहत जारी नियमों का दायरा बढ़ा दिया है। इस कानून के जरिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि केंद्र या राज्य सरकार या भारत में अर्ध-न्यायिक निकाय द्वारा जारी किया गया “कोई भी दस्तावेज” स्वीकार्य होगा, जो यह साबित करता हो कि माता-पिता, दादा-दादी या परदादा-परदादी में से कोई भी इन तीनों देशों में से किसी एक के नागरिक हैं या रहे हैं।

गृह मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण तब आया जब CAA के तहत भारतीय नागरिकता चाहने वाले कई आवेदकों को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के एक विशेष खंड के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। CAA के पहले के खंड में कहा गया है, “कोई भी दस्तावेज जो दर्शाता हो कि आवेदक के माता-पिता या दादा-दादी या परदादा-परदादी में से कोई भी तीन देशों यानी अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान में से किसी एक का नागरिक हैं या रहे हैं।”

गृह मंत्रालय ने कहा, “यह स्पष्ट किया जा सकता है कि अनुसूची-1ए के क्रम संख्या 8 के तहत दस्तावेजों में केंद्र सरकार/राज्य सरकार/भारत में किसी न्यायिक या अर्ध न्यायिक निकाय द्वारा जारी कोई भी दस्तावेज जैसे भूमि रिकॉर्ड, न्यायिक आदेश आदि शामिल हो सकते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि आवेदक या उसके माता-पिता या दादा-दादी या परदादा-परदादी अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के नागरिक थे।” इसमें कहा गया है, “नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA)-2019 के तहत किसी भी नागरिकता आवेदन पर फैसला करते समय उपरोक्त स्पष्टीकरण पर ध्यान दिया जा सकता है।”

गृह मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण तब आया जब नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत भारतीय नागरिकता चाहने वाले कई आवेदकों को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के एक विशेष खंड के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के पहले के खंड में कहा गया है, “कोई भी दस्तावेज जो दर्शाता हो कि आवेदक के माता-पिता या दादा-दादी या परदादा-परदादी में से कोई भी तीन देशों यानी अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान में से किसी एक का नागरिक हैं या रहे हैं।”

गृह मंत्रालय ने अपने नवीनतम स्पष्टीकरण में कहा, “यह स्पष्ट किया जा सकता है कि अनुसूची-1ए के क्रम संख्या 8 के तहत दस्तावेजों में केंद्र सरकार/राज्य सरकार/भारत में किसी न्यायिक या अर्ध न्यायिक निकाय द्वारा जारी कोई भी दस्तावेज जैसे भूमि रिकॉर्ड, न्यायिक आदेश आदि शामिल हो सकते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि आवेदक या उसके माता-पिता या दादा-दादी या परदादा-परदादी अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के नागरिक थे।” इसमें कहा गया है, “नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए)-2019 के तहत किसी भी नागरिकता आवेदन पर फैसला करते समय उपरोक्त स्पष्टीकरण पर ध्यान दिया जा सकता है।”

Ads Jharkhand Ads Jharkhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *