रामगढ़
झारखंड के महान जननायक और आदिवासी समाज के मार्गदर्शक ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है। भीम आर्मी के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने भी उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके पैतृक गांव नेमरा पहुंचकर मुलाकात की और शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की।
चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि शिबू सोरेन ने राजनीति को कभी सत्ता का साधन नहीं माना, बल्कि अपने लोगों के हक़ और अधिकारों की लड़ाई का हथियार बनाया। उन्होंने कहा, “शिबू जी की विरासत हर न्यायप्रिय इंसान को संघर्ष के लिए प्रेरित करती रहेगी। वे झारखंड के पहले ऐसे बड़े नेता थे जिन्होंने खुलकर कहा – ‘जमीन, जंगल और जल हमारी पहचान है, इसे छीनने वालों से कोई समझौता नहीं होगा।'”
चंद्रशेखर ने आगे कहा कि यही सोच उन्हें ‘दिशोम गुरु’ बनाती है और उन्हें हमेशा एक जननायक के रूप में याद रखा जाएगा।
उनकी यह श्रद्धांजलि न केवल एक राजनेता को, बल्कि एक विचारधारा को समर्पित है — जो हाशिये पर खड़े लोगों के लिए आवाज़ बनी और सत्ता के विरुद्ध संघर्ष का प्रतीक रही।




