RIMS की भूमि पर बुलडोजर एक्शन से आदिवासी परिवार और विद्यार्थियों पर गहरा असर, स्कूल और घर तोड़े गये

Ranchi

हाईकोर्ट के आदेश के बाद रिम्स की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए दर्जनों मकानों और फ्लैट्स को तोड़ा जा रहा है। मंगलवार को दो जेसीबी मशीनों की मदद से कार्रवाई की गई, सैकड़ों पुलिस बल तैनात किए गए और चिन्हित मकान मालिकों को अपने सामान निकालने के लिए कहा गया।

महिला-पुरुष पुलिस की तैनाती और बुलडोजर के सामने आदिवासी परिवारों की आंखें नम हो गईं। 35 साल से उसी जगह रहने वाले छेदी उरांव ने बताया कि सात परिवार एलबेस्टर के पांच कमरे बनाकर रह रहे थे। जमीन का खतियान और रसीद कटवाए गए, बिजली बिल और होल्डिंग टैक्स जमा किया गया, फिर भी उनका घर ध्वस्त कर दिया गया।

टुंकी टोली के लोगों ने बताया कि पांच साल से चार मंजिला भवन का निर्माण चल रहा था, जिसकी लागत करीब दस करोड़ बताई जा रही थी। लेकिन अब चार मंजिला भवन को तोड़ने के लिए मजदूर लगाए गए हैं। इसी तरह प्रथम तल पर बने अन्य भवनों को जेसीबी से तोड़ा जा रहा है और पूरे क्षेत्र में कड़ी पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।

रिम्स के पूर्व डॉक्टर ईश्वर दयाल चौधरी की पत्नी बाबेरियन बाड़ा मीडिया से बातचीत के दौरान भावुक हो गईं। उनका घर 22 साल पहले बनाया गया था और 2003 में जमीन खरीदी गई थी। उन्होंने बताया कि जीवन भर की कमाई घर बनाने में लगी थी, लेकिन अब यह मलबे में बदल गई है।

मध्य प्रदेश से फुटबॉल में मेडल जीतकर आए अरविंद गुड़िया का मकान भी ध्वस्त हो गया। उन्होंने कहा कि कुछ ही सप्ताह पहले वे मैच खेलकर लौटे थे और मेडल जीतने की खुशी में परिवार के साथ जश्न मनाने का मन था, लेकिन अब उनका मकान भी बुलडोजर की चपेट में आ गया।

डीआईजी ग्राउंड के पास अवैध मकानों को तोड़ने से उत्क्रमित मध्य विद्यालय के विद्यार्थियों पर भी असर पड़ा है। एलबेस्टर के घरों में रहने वाले अधिकांश बच्चों को सरकारी विद्यालय में पढ़ना होता था। स्कूल के प्रिंसिपल रेशमी कच्छप ने बताया कि आसपास के घरों में बुलडोजर कार्रवाई शुरू होने के बाद स्कूल में बच्चों की संख्या कम हो गई है।

Ads

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *