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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय लुगूबुरु घांटाबाड़ी धोरोम गाढ़ राजकीय महोत्सव-2025 के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने धर्मपत्नी एवं विधायक कल्पना सोरेन के साथ पुनाय थान में पारंपरिक विधि-विधान से लुगू बाबा की पूजा-अर्चना की और राज्यवासियों की सुख-समृद्धि, खुशहाली एवं शांति की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह सिर्फ एक महोत्सव नहीं, बल्कि हमारी परंपरा और संस्कृति के प्रति अटूट आस्था और श्रद्धा का परिचायक है। हमें अपनी परंपराओं को संरक्षित रखकर आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना होगा।”
‘लुगूबुरु हमारी सांस्कृतिक धरोहर है’
मुख्यमंत्री ने कहा कि लुगूबुरु विशेष रूप से संताल समाज का एक पवित्र स्थल है, जहां हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। उन्होंने कहा — “हम अपनी परंपरा और संस्कृति को जितना गहराई से समझेंगे, उतना ही बेहतर समाज का निर्माण कर पाएंगे।”
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह तीर्थस्थल अब विश्व मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना रहा है।









पूर्वजों की बनाई व्यवस्था आज भी हमारा मार्गदर्शन करती है’
मुख्यमंत्री ने कहा कि लुगूबुरु संताल समुदाय का एक ऐसा गढ़ है, जहां हमारे पूर्वजों ने समाज को संगठित और व्यवस्थित करने की जो व्यवस्था बनाई, वह आज भी हमारा मार्गदर्शन करती है।
उन्होंने कहा — “अबुआ समाज, संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाज को संरक्षित और समृद्ध करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।”
‘पर्यावरण संरक्षण पर सामूहिक जिम्मेदारी जरूरी’
मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सामूहिक प्रयासों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि “आदिवासी समाज हमेशा से प्रकृति के संरक्षण का प्रतीक रहा है। लेकिन आज जल, जंगल और जमीन के क्षरण से प्रकृति पर खतरा मंडरा रहा है। हमें भगवान बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू के दिखाए रास्ते पर चलकर इसे बचाना होगा।”
‘धर्म हमें सामाजिक एकता का पाठ सिखाता है’
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की विविधता ही उसकी ताकत है। “अलग-अलग धर्मों और समुदायों के लोग यहां रहते हैं, लेकिन सभी एक-दूसरे की परंपराओं का सम्मान करते हैं। धर्म से हमें सामाजिक व्यवस्था को बेहतर बनाने की शक्ति मिलती है।”
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि लुगूबुरु में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
उन्होंने आयोजन समिति को टेराकोटा शैली में निर्मित उनकी प्रतिमूर्ति सौंपी। साथ ही भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
‘श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाओं की दिशा में कदम’
मुख्यमंत्री ने कहा कि लुगूबुरु आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा और सहूलियत देने के लिए सरकार लगातार व्यवस्था को सुदृढ़ बना रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह धार्मिक स्थल भविष्य में और भी भव्य रूप लेगा।
इस अवसर पर मंत्री चमरा लिंडा, योगेंद्र प्रसाद महतो, विधायक कल्पना सोरेन, उमाकांत रजक, जिला परिषद अध्यक्ष सुनीता देवी, कोयला प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुनील भास्कर, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक आर. टी. पंडियान, उपायुक्त अजय नाथ झा, पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह समेत आयोजन समिति के अध्यक्ष बबुली सोरेन, सचिव लोबिन मुर्मू और हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।




