BJP ने पूर्व केंद्रीय मंत्री RK सिंह को पार्टी से निकाला, नीतीश सरकार पर अडाणी से मिलकर 62,000 करोड़ के घोटाले का लगाया था आरोप  

15th November 2025

 

Patna
बिहार चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया। पार्टी की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि सिंह की लगातार विवादित और पार्टी-लाइन से अलग की गई बयानबाजी को देखते हुए यह कदम आवश्यक हो गया था।

पिछले कुछ हफ्तों से आरके सिंह NDA नेतृत्व और बिहार सरकार पर तीखे आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कई मंचों पर गठबंधन के कुछ उम्मीदवारों की साख पर सवाल उठाए और यहां तक कह दिया कि “ऐसे लोगों को वोट देने से अच्छा है, चुल्लू भर पानी में डूब मरना।” इस टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में जोरदार विवाद खड़ा कर दिया था।

सबसे बड़ा टकराव तब सामने आया जब सिंह ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, जेडीयू नेता अनंत सिंह और RJD के सूरजभान सिंह को खुले तौर पर “हत्या का आरोपी” कहा। उनका कहना था कि “अपराधीकरण को बढ़ावा देने वाले चेहरे जनता का प्रतिनिधित्व करने लायक नहीं हैं।”

यही नहीं, उन्होंने नीतीश सरकार पर 62,000 करोड़ रुपये के बिजली घोटाले का आरोप भी लगाया। आरके सिंह का दावा है कि अडाणी समूह के साथ बिजली खरीद समझौता “जनता के साथ धोखा” है, जिसमें बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितताएं छिपी हैं। उनके मुताबिक सरकार अडाणी पावर से 6.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगी, जबकि बाजार दर इससे काफी कम है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह प्लांट NTPC द्वारा लगाए जाने की घोषणा पहले ही हो चुकी थी, तो अचानक इसे निजी क्षेत्र को क्यों सौंप दिया गया? किसके लाभ के लिए यह बदलाव किया गया, सरकार को स्पष्ट जवाब देना चाहिए।

उन्होंने सोशल मीडिया पर दस्तावेज जारी कर दावा किया कि NTPC मॉडल में प्रति यूनिट फिक्स चार्ज 2.32 रुपये आता, जबकि सरकार ने इसे 4.16 रुपये मंज़ूर कर दिया। इससे प्रति यूनिट 1.84 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जो आगे चलकर हजारों करोड़ की अनियमितताओं का मार्ग बनाएगा।
सिंह ने लिखा—“भ्रष्टाचार पर चुप रहना हमारे संस्कार में नहीं है।”

भाजपा का कहना है कि गठबंधन नेतृत्व पर लगातार हमले और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले बयानों के कारण उनकी सदस्यता समाप्त की गई है। चुनावी जीत के बीच इस कार्रवाई ने बिहार की राजनीति में नया तनाव जोड़ दिया है।

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