बीजेपी ने बंटवारे का दुख याद करते हुए मनाया ये खास दिन, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

जमशेदपुर

भारतीय जनता पार्टी ने देश के विभाजन के दर्द को याद करते हुए बुधवार को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाया। जमशेदपुर महानगर अंतर्गत सीतारामडेरा मंडल के ईस्ट बंगाल कॉलोनी में भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा की अध्यक्षता में आयोजित विभाजन विभीषिका गोष्ठी में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व विधायक सह भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बरकुंवर गागराई, प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद, सीतारामडेरा मंडल अध्यक्ष सुरेश शर्मा, हरविंदर सिंह मिन्दी एवं संजय दास मौजूद रहे। इस दौरान विस्थापित हुए ईस्ट बंगाल कॉलोनी, सिंधी कॉलोनी एवं रिफ्यूजी कॉलोनी के सैकड़ों लोगों की मौजदूगी में भाजपा नेताओं ने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया। वहीं, यातना एवं वेदना सहने वाले नागरिकों के कष्ट और संघर्षों को स्मरण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन सभी भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा।

विभाजन विभीषिका विषयक गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने देश बंटवारे की बलि चढ़े सपूतों को नमन करते हुए कहा कि विदेशी शासन से मुक्ति के लिए जिन ज्ञात- अज्ञात लोगों ने भारी कीमत चुकायी थी, देश उन्हें कभी भूला नही सकता हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश का विभाजन क्यों हुआ यह जानना बहुत जरूरी है। आज की पीढ़ी को अपने इतिहास के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना हुई। तब से अलग देश की सुगबुगुहाट शुरू हो गई थी। 1930 में पाकिस्तान बनाने का प्रस्ताव आया। देश के कुछ नेताओं के स्वार्थ और गलतियों के चलते देश का विभाजन 14 अगस्त 1947 को हुआ। यह इतना भयावह था कि इसमें लाखों लोग मारे गए, दुष्कर्म हुए, संपत्ति लूट लिए गए और इन सबसे करोड़ों लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा। ऐसे ही नेताओं के विचारधारा पर चलने वाले लोग आज देश की जनता में भ्रम फैला रहे है कि संविधान खत्म हो जाएगा, आरक्षण खत्म हो जाएगा लेकिन, हमारा देश ऐसे स्वार्थी लोगों के बहकावे में नहीं आएगा, हमारा देश अखंड रहेगा। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों को विभाजन का जुल्म अपने प्राण गंवाकर चुकानी पड़ी थी। करोड़ो लोगों को अपने पूर्वजों की जमीन से उजड़कर दूर-दराज के स्थानों में पलायन करना पड़ा था। विभाजन के दौरान करोड़ों महिलाएं, बच्चे एवं बुज़ुर्गों को भयंकर त्रासदी पीड़ा एवं मानसिक वेदना से गुजरना पड़ा। यह मानव इतिहास की सबसे बड़ी विभीषिका थी।

चरनजीत खरबंदा एवं बिमल कर्मकार ने बताई बंटवारे की आपबीती: बंटवारे के दौरान विस्थापित हुए चरनजीत खरबंदा एवं बिमल कर्मकार ने भारत विभाजन की आपबीती बताई। उन्होंने कहा कि उनके दिलो-दिमाग पर छाई विभाजन की त्रासदी आज भी झकझोर देती है। जहां कदम-कदम पर साजिश थी और हर पल मौत का खौफ था।

इस दौरान मंच जिला महामंत्री अनिल मोदी एवं धन्यवाद ज्ञापन अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष मंजीत सिंह ने किया। गोष्ठी के दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष गुंजन यादव, राजन सिंह, अनिल सिंह, बबुआ सिंह, मंजीत सिंह, जितेंद्र राय, राजीव सिंह, कृष्णा शर्मा काली, बीनानंद सिरका, काजू शांडिल, पोरेश मुखी, सुरेश शर्मा, पप्पू उपाध्याय, सतीश शर्मा, चंचल भाटिया, बलविंदर सिंह, संजय नंदी, मिथुन चक्रवर्ती, अमृतपाल सिंह, अमृत सिंह, डॉ पी के दास, शंकर दास, जोयत्री राय, प्रशांतो दास, हरविलास दास समेत अन्य उपस्थित थे।

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