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बिहार सरकार राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए एक नई स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स—BISF (Bihar Industrial Security Force)—की तैयारी कर रही है। उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने रविवार को कहा कि जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। यह फोर्स बिल्कुल CISF की तर्ज पर काम करेगी और राज्य के इंडस्ट्रियल सेक्टर की सुरक्षा को एक मजबूत ढांचा देगी।
कैसे काम करेगी BISF?
बीआईएसएफ को एक डेडिकेटेड इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी यूनिट के तौर पर बनाया जाएगा। इसमें बिहार पुलिस के प्रशिक्षित और दक्ष जवानों को शामिल किया जाएगा। फोर्स का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का एक अधिकारी करेगा, जबकि डीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी भी इसके कमांड में रहेंगे।
फोर्स का मुख्यालय किसी बड़े औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा ताकि सुरक्षा से जुड़े फैसले और कार्रवाई तुरंत हो सकें।
नए निवेशकों और पुराने उद्यमियों को बड़ा सहारा
बिहार में नए उद्योग लगाने की संभावनाएं तेज़ी से बढ़ रही हैं। सरकार कई इंडस्ट्रियल क्लस्टर बना चुकी है और कई निवेशक राज्य में यूनिट खोलने की तैयारी में हैं। BISF की सुरक्षा सेवाएं—
- नए निवेशकों को उनकी मांग पर
- पुराने उद्यमियों को उनके मौजूदा औद्योगिक परिसरों में
—दोनों को उपलब्ध होंगी।
इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों की समग्र सुरक्षा भी BISF के जरिए सुनिश्चित की जाएगी।
क्यों उठी BISF की जरूरत?
उद्यमियों की लंबे समय से मांग थी कि औद्योगिक इलाकों में सुरक्षा की संस्थागत व्यवस्था हो। अभी अधिकतर फैक्ट्रियां और इकाइयाँ अपनी निजी सुरक्षा व्यवस्था पर निर्भर हैं, जो बड़े जोखिम के बीच काम करने वाली यूनिट्स के लिए पर्याप्त नहीं मानी जाती।
BISF के गठन से सरकार एक सेंट्रलाइज़्ड, ट्रेनिंग-बेस्ड और प्रोफेशनल सिक्योरिटी मॉडल की ओर बढ़ रही है, जिससे उद्योगों में निवेश का माहौल और बेहतर होने की उम्मीद है।
चंद दिनों में यह प्रस्ताव कैबिनेट में जा सकता है और मंजूरी मिलते ही बिहार की इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी नई दिशा लेगी।

