RANCHI
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज फिर एकबार अवैध रूप से नियुक्त पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता को लेकर राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा।
मरांडी ने कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को 2 वर्षों तक निलंबित रखने, फिर उन्हें डीजीपी बनाने, रिटायरमेंट के बाद भी सेवा विस्तार देने और अंत में इस्तीफा लेने के पीछे के रहस्य को राज्य की जनता जानना चाहती है। आखिर इसके पीछे कारण क्या है?
उन्होंने कहा कि आज तक जो बातें सामने आ रही है उसके पीछे अवैध वसूली, तस्करी, अवैध उत्खनन, रंगदारी और भयादोहन है।
आरोप लगाया कि अनुराग गुप्ता ने मुख्यमंत्री के संरक्षण में वसूली के लिए इंस्पेक्टर गणेश सिंह, सिपाही रंजीत राणा, बिचौलिया मनोज गुप्ता, हरियाणा के किशन जी जैसे लोगों को कलैक्टर बहाल किया था। और ये इतने प्रभावी हो गए हैं कि इन लोगों पर भी आजतक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की संरक्षक बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने शराब घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से आगाह किया था लेकिन मुख्यमंत्री ने अनसुना किया। और बाद में सीबीआई छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड पहुंच गई, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे की गिरफ्तारी हुई।
कहा कि यहां भी राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया, 90 दिनों तक चार्जशीट दाखिल नहीं कर जमानत का रास्ता प्रशस्त किया। आज तक घोटाले से जुड़े कई लोगों की गिरफ्तारी नहीं हुई।
कहा कि अवैध डीजीपी के कारनामे एक नहीं अनेक हैं। जब उन्हें सीआईडी, एसआईटी के डीजी से हटाया गया तो वे अपने ऑफिस से रातों रात कागजात हटाते रहे। पेन ड्राइव में सेव किया और अब धमकी भी दे रहे।
कहा कि आम तौर पर कुख्यात अपराधी को उसके गृह जिला से बाहर की जेलों में रखा जाता है लेकिन अनुराग गुप्ता ने सुजीत सिन्हा को पलामू की जेल में रखा। राजेश राम जैसे अपराधी की बैठकी अनुराग गुप्ता की गोपनीय शाखा में होती थी।
उन्होंने कहा कि इतना के बावजूद मुख्यमंत्री ने अबतक कोई जांच नहीं बैठाया। मरांडी ने कहा कि राज्य के कुछ अधिकारी आज हेमंत सरकार के टूल किट बन रहे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को कानून के आधार पर जनहित में कार्य करना चाहिए। नहीं तो जांच होने पर वे भी कभी मुश्किल में पड़ सकते हैं। प्रेसवार्ता में सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह,प्रवक्ता प्रतुल शाह देव भी उपस्थित थे।

