रांची
झामुमो ने सूर्या हांसदा की दिशोम गुरु शिबू सोरेन से तुलना को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सूर्या हांसदा को झाविमो के टिकट पर राजनीति में लाने वाले बाबूलाल मरांडी आज उसी सूर्या हांसदा की तुलना शिबू सोरेन से कर रहे हैं, जो बेहद आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि जब बाबूलाल झाविमो में थे, तब सूर्या हांसदा उनके साथ पीसी में बैठते थे, ऐसे में निजी समीकरण हो सकते हैं। लेकिन भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि सूर्या हांसदा और दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तुलना करना न केवल असंगत है, बल्कि यह झारखंडी अस्मिता का अपमान है।
सुप्रियो ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अर्जुन मुंडा ने राजनीति की शुरुआत झामुमो की टिकट पर की थी और गुरुजी की उंगली पकड़कर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। ऐसे में उन्हें तो गुरुजी के प्रति सम्मान प्रकट करना चाहिए, न कि भाजपा के साथ मिलकर चुप्पी साधनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक आंदोलन और संस्था का नाम हैं। उनकी भूमिका, संघर्ष और योगदान पर देश-विदेश में रिसर्च हो रहे हैं। ऐसे में सूर्या हांसदा की उनसे तुलना करना न केवल हास्यास्पद है बल्कि राजनीतिक स्तरहीनता को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी को इस टिप्पणी पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
दिशोम गुरु के नाम पर स्टेडियम और राष्ट्रीय शोध संस्थान की मांग
सुप्रियो ने यह भी मांग की कि झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) का नाम बदलकर दिशोम गुरु शिबू सोरेन क्रिकेट स्टेडियम रखा जाए। उन्होंने कहा कि इस स्टेडियम की जमीन शिबू सोरेन के मुख्यमंत्री कार्यकाल में दी गई थी और भूमि पूजन भी उन्हीं ने किया था। इसके साथ उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा जाए, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर एक शोध संस्थान की स्थापना की जा सके जो शिबू सोरेन के विचारों, आंदोलनों और संघर्षों पर अध्ययन करे।
एसआईआर, वोट चोरी और संविधान संशोधन पर प्रस्ताव लाने की मांग
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि झारखंड विधानसभा में एसआईआर (SIR), वोट चोरी और 130वें संविधान संशोधन से जुड़े मुद्दों पर प्रस्ताव लाया जाए। उन्होंने कहा कि अब सबूत सामने आ चुके हैं कि कुछ लोगों को जानबूझकर वोट देने से वंचित किया गया है, जो लोकतंत्र के खिलाफ है। ऐसे में एसआईआर को निरस्त किया जाना चाहिए।
राज्यपिता की मान्यता और सरकारी कार्यालयों में तस्वीर की मांग
वहीं, झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विधानसभा परिसर में मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि शिबू सोरेन को “राज्यपिता” का दर्जा दिया जाए और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तरह सभी सरकारी कार्यालयों में उनकी तस्वीर लगाने का निर्देश जारी किया जाए।




