सूबे में कोयला तस्करी को लेकर भाजपा ने पुलिस और स्थानीय प्रशासन पर लगाये ये आरोप

26th November 2025

RANCHI

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य में बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध कोयला कारोबार को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। मरांडी ने प्रेसवार्ता के माध्यम से अवैध कोल व्यापार में मुख्यमंत्री आवास की भूमिका के भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि पहले कोयला चोर कोयला की चोरी कर कमीशन पुलिस प्रशासन तक पहुंचाते थे लेकिन अब हालत में बदलाव आया है। अब पुलिस प्रशासन और कोल माफिया साझेदारी में काम करते हैं।

कहा कि धनबाद में तैनात शीर्ष पुलिस अधिकारी कोयला के कारोबार में लिप्त हैं और सीधे सीधे इस धंधे को संचालित कर रहे हैं।

कहा कि धनबाद में निरसा, बाघमारा, झरिया अवैध कोल व्यापार के क्षेत्र हैं जिसमें 20..25 थाना, ओपी पड़ता है। इस क्षेत्र में 30-40 साइट से अवैध कोयला निकाला जाता है। कहा कि चर्चा है कि साइट प्राप्त करने केलिए “हाउस” का परमीशन आवश्यक है। हाउस से फोन आने पर ही एसएसपी साइट का अप्रूवल देते हैं। फिर एडवांस के तौर पर एक करोड़ रूपये लिए जाते हैं।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि इन क्षेत्रों से प्रतिदिन 150-200ट्रक कोयला निकाला जाता है। प्रति टन 8 से 10 हजार का व्यवसाय हाउस के नियंत्रण में होता है। कहा कि इस अवैध कारोबार में हाउस महाराजा की भूमिका में होता है जबकि एस एस सी प्रधान सेनापति और डीसी महामंत्री की भूमिका निभाते हैं। इसके लिए दोनों प्रॉफिट के हिस्सेदार होते हैं।

कहा कि इस धंधे में थाना प्रभारी, इंस्पेक्टर, डीएसपी, एसडीओ ग्रामीण एसपी, खनन अधिकारी, अंचलाधिकारी का हिस्सा भी निर्धारित है। बाघमारा डीएसपी पुरुषोत्तम सिंह, पूर्व में मुख्यमंत्री के  सुरक्षाकर्मी रहे हैं। एसीपी दाहिना और इंस्पेक्टर अजीत सिंह बायां हाथ हैं जो मिलकर थानों की बोली लगाते हैं।

नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि प्रमुख कोल साइट्स में भौंदा अरविंद, कारण, कुंजामा आकाश, मनीष आर्य, पंचेत अंजनी, निरसा संजय सिंह, गोपाली और बाघमारा पाण्डेय जी जबकि बरौना, तेतुलमारी, जमुनिया राम कनाली, इन तीन साइट्स को बाघमारा डीएसपी खुद चलवाते हैं। आरोप लगाया कि इसके अलावा जीना गोंडा, बरारी, अलगडीहा गणेश यादव के बेटा बीटू काम देखता है। सुदामडीह में शेखर सिन्हा, गुलाम केशर आदि काम देखते हैं। मरांडी ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन आरोपों से सहमत नहीं हैं तो इसकी उच्चस्तरीय जांच कराएं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता रमाकांत महतो उपस्थित रहे।

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