RANCHI
प्रदेश भाजपा ने हेमंत सरकार पार्ट–2 के पहले वर्षगांठ पर बड़ा राजनीतिक हमला बोला। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भाजपा प्रदेश कार्यालय में अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद आदित्य साहू, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, मुख्य सचेतक विधायक नवीन जायसवाल, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, सह प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह और आरोप पत्र समिति से रविनाथ किशोर ने सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया।
आरोप पत्र समिति में प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी और पूर्व सांसद व प्रवक्ता गीता कोड़ा भी शामिल हैं।
आरोप पत्र जारी करते हुए बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार के छह वर्षों को “झारखंड की बर्बादी का काल” बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के समय इंडी गठबंधन द्वारा जनता से की गई सात गारंटियों में से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ, बल्कि राज्य और पीछे चला गया। मरांडी ने सातों गारंटियों पर विस्तार से सरकार की नाकामियां गिनाईं।
मरांडी ने कहा कि यह अबुआ सरकार नहीं, बल्कि “ठगों की सरकार” है जिसने युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासी–पिछड़े समाज, दलित–बुजुर्गों, दिव्यांगों और स्कूली बच्चों तक को निराश किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पुलिस जनता की रक्षक नहीं, बल्कि लूट का माध्यम बन चुकी है।
1932 खतियान नीति पर “सबसे बड़ा धोखा”
पहली गारंटी 1932 खतियान आधारित नीति को मरांडी ने बड़ा छल बताया। उनके अनुसार इस नाम पर सरकार छह वर्षों से जनता को बरगला रही है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की भाषा–संस्कृति की सुरक्षा होती तो “चंगाई सभा” जैसे अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं मिल रहा होता। उन्होंने ऐसे आयोजनों पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग की।
“मंईयां सम्मान योजना” में भारी अनियमितता
दूसरी गारंटी पर बोलते हुए मरांडी ने कहा कि लाखों महिलाओं का नाम सूची से हटाकर सरकार ने उन्हें धोखा दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं पोर्टल न खुलने की शिकायत लेकर भटक रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उल्टे योजना की राशि रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खातों में जा रही है। मरांडी ने कहा कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना कराए गए और निकाय चुनाव में भी कुछ नहीं हुआ। एससी–एसटी आरक्षण पर भी जनता को छलने का आरोप लगाया।
खाद्य सुरक्षा गारंटी पर “लूट का अड्डा”
उन्होंने कहा कि 7 किलो अनाज देने का वादा पूरा नहीं हुआ, बल्कि 5 किलो अनाज भी काट लिए गए। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र पतना में बड़ा अनाज घोटाला उजागर हुआ। आपदा प्रबंधन के अनाज से बाद में भरपाई की गई। गैस सिलेंडर 450 रुपए में देने के वादे को भी सरकार ने भुला दिया।
रोजगार और स्वास्थ्य सुरक्षा पर बड़ा हमला
रोजगार व स्वास्थ्य से जुड़ी पांचवीं गारंटी — 10 लाख नौकरी और 15 लाख का स्वास्थ्य बीमा — को मरांडी ने “पूरी तरह झूठा” बताया। उन्होंने कहा कि 8791 नियुक्ति पत्र देकर सरकार उपलब्धि बता रही है, जबकि छह साल में 30 हजार से ज़्यादा कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। स्वीकृत पदों के मुकाबले आधे से कम कर्मचारी नियुक्त हैं और दो लाख से अधिक पद समाप्त कर दिए गए। उन्होंने 2019 की उत्पाद सिपाही भर्ती की दौड़ को याद करते हुए कहा कि गर्मी में आयोजित रेस में 19 अभ्यर्थियों की मौत हुई, लेकिन सरकार आज तक संवेदनहीन बनी हुई है।
मरांडी ने आरोप लगाया कि सरकार नौकरी देने के बजाय युवाओं को धमका रही है—भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने पर केस और जेल का डर दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार बेदाग है तो वह परीक्षाओं में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है?

