न्यूज डेस्क
गुजरात में दर्जनों गुमनाम राजनीतिक पार्टियों को हजारों करोड़ का चंदा मिलने के खुलासे ने राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है। एक हिंदी अखबार की चौंकाने वाली रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से 2024 तक पांच वर्षों में महज तीन चुनाव लड़ने वाली 10 अज्ञात पार्टियों को 4300 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जबकि इनके कुल चुनावी खर्च की राशि सिर्फ 39.02 लाख रुपये बताई गई है। हैरानी की बात ये है कि ऑडिट रिपोर्ट में इन दलों का चुनावी खर्च 3500 करोड़ रुपये दर्शाया गया है।
इन दस पार्टियों ने इन पांच वर्षों में कुल मिलाकर केवल 43 उम्मीदवार मैदान में उतारे, जिन्हें मिलाकर सिर्फ 54,069 वोट हासिल हुए – यानी एक वोट पर औसतन 80 हजार रुपये से ज्यादा का खर्च दिखाया गया है!
कौन चला रहा है ये खेल? पैसा कहां से आया और गया कहां?
इस खुलासे पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सीधे चुनाव आयोग पर सवाल दाग दिए हैं। उन्होंने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा,
“गुजरात में कुछ ऐसी अनाम पार्टियां हैं जिनका नाम किसी ने नहीं सुना, लेकिन उन्हें 4300 करोड़ का चंदा मिला। इन पार्टियों ने बहुत ही कम चुनाव लड़े हैं, या उन पर खर्च किया है।”
राहुल गांधी ने तीखा सवाल उठाया –
“ये हजारों करोड़ आए कहां से? चला कौन रहा है इन्हें? और पैसा गया कहां?”
“क्या चुनाव आयोग जांच करेगा – या फिर यहां भी पहले एफिडेविट मांगेगा? या फिर कानून ही बदल देगा, ताकि ये डेटा भी छिपाया जा सके?”
किन पार्टियों पर है शक?
रिपोर्ट में जिन 10 राजनीतिक दलों का ज़िक्र किया गया है, उनके नाम तक आम जनता ने शायद ही कभी सुने हों। इनमें शामिल हैं –
लोकशाही सत्ता पार्टी, भारतीय नेशनल जनता दल, स्वतंत्र अभिव्यक्ति पार्टी, न्यू इंडिया यूनाइटेड पार्टी, सत्यावदी रक्षक पार्टी, भारतीय जनपरिषद, सौराष्ट्र जनता पक्ष, जन मन पार्टी, मानवाधिकार नेशनल पार्टी, और गरीब कल्याण पार्टी।
इनका ज़मीनी वजूद ना के बराबर है, लेकिन इनकी खातों में करोड़ों की आमदनी और ऑडिट में अरबों का खर्च दर्ज है।




