Mumbai:
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और एमडी अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई का दायरा और व्यापक होता जा रहा है। अब तक अनिल अंबानी से जुड़ी करीब 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं।
ताजा जानकारी के मुताबिक, ED ने अनिल अंबानी को 14 नवंबर को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले 5 अगस्त को भी उन्हें कथित लोन फ्रॉड केस की जांच के सिलसिले में तलब किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, ED ने 31 अक्टूबर को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की धारा 5(1) के तहत कुर्की के आदेश जारी किए थे। यह कार्रवाई रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) के जरिए जुटाए गए सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग से जुड़ी है। जांच एजेंसी अब तक 40 से अधिक संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कर चुकी है।
कुर्क की गई संपत्तियों में मुंबई के बांद्रा वेस्ट, पाली हिल स्थित एक आवास, नई दिल्ली स्थित रिलायंस सेंटर, और दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई व पूर्वी गोदावरी की संपत्तियां शामिल हैं।
ED का आरोप है कि RHFL और RCFL के जरिए जुटाई गई रकम को अनिल अंबानी समूह से जुड़ी कंपनियों के बीच हुए लेन-देन में डायवर्ट किया गया था।
इस बीच, रिलायंस ग्रुप ने स्टॉक एक्सचेंज को दी फाइलिंग में कहा है कि ED की कार्रवाई का कंपनी के मौजूदा बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी ने स्पष्ट किया कि जब्त की गई अधिकांश संपत्तियां रिलायंस कम्युनिकेशन की हैं, जो पिछले छह वर्षों से कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) के अधीन हैं। रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रा ने भी कहा है कि उनकी परफॉर्मेंस पर इस जांच का कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।




