बिहार के नवादा में मॉब लिंचिंग, फेरीवाले युवक की बेरहमी से हत्या, 9 दिन बाद इलाज के दौरान मौत

Nawada

बिहार के नवादा जिले में मॉब लिंचिंग की एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नालंदा जिले के रहने वाले एक फेरीवाले युवक की भीड़ द्वारा की गई बेरहमी से पिटाई के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में आक्रोश का माहौल है और सोशल मीडिया पर राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

मृतक की पहचान नालंदा जिले के बिहारशरीफ स्थित लहेरी थाना क्षेत्र के गगन्दीवान मोहल्ला निवासी स्वर्गीय मो. आलम के 40 वर्षीय पुत्र मो. अतहर के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, अतहर नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र के मरुई गांव में अपने ससुराल में रहकर कपड़े बेचने का काम करता था।

घटना 5 दिसंबर की शाम की बताई जा रही है। कपड़ा बेचकर साइकिल से लौटते वक्त भट्ठापर गांव के पास उसकी साइकिल पंचर हो गई। इसके बाद वह पैदल चलने लगा। इसी दौरान सड़क किनारे अलाव ताप रहे कुछ लोगों से उसने पंचर बनाने की दुकान के बारे में पूछा।

आरोप है कि अलाव ताप रहे लोगों ने पहले उससे छीनतई की कोशिश की, जिसका विरोध करने पर उन्होंने युवक पर हमला कर दिया। हमलावरों ने जलती लकड़ी से उसके शरीर पर वार किए, हाथ तोड़ दिया और पिलास से उसका कान काट लिया। मारपीट इतनी बेरहमी से की गई कि युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल युवक को नवादा सदर अस्पताल में भर्ती कराया। हालत नाजुक होने पर उसे विम्स अस्पताल पावापुरी, नालंदा रेफर किया गया, जहां 12 दिसंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

युवक की मौत के बाद मामले में कार्रवाई तेज कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, इस घटना में कुल 10 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है, जिनमें से अब तक चार को गिरफ्तार किया जा चुका है। शव का पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट और एफएसएल टीम की मौजूदगी में कराया गया है।

घटना को लेकर स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों में भारी नाराज़गी है। AIMIM के नालंदा जिलाध्यक्ष कलीम खान ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पीड़ित परिवार को मुआवज़ा, एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मामले में तेज़ व निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया की मांग उठाई है।

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