RANCHI
झारखंड विधानसभा का गुरुवार का सत्र आरोप–प्रत्यारोप और तीखी बहसों के बीच गरमा गया। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस विधायक ममता देवी के उस कथित ऑडियो को सदन में उठाया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर नर्सिंग कॉलेज की एनओसी के एवज में 5 लाख रुपये मांगने और काम रोककर रखने का आरोप लगाया है। मरांडी ने दावा किया कि उनके पास कथित बातचीत की रिकॉर्डिंग मौजूद है। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी फॉरेंसिक जांच कराई जाए और जरूरत पड़ने पर CBI से जांच करवाई जाए।
सरकार का जवाब : “पार्टी का आंतरिक मुद्दा”
संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने विपक्ष के आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह कांग्रेस संगठन का आंतरिक मामला है और पार्टी स्तर पर इसकी जांच चल रही है। सरकार का कहना था कि सदन में इस विषय पर बहस उचित नहीं है। विपक्ष इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और हंगामा जारी रखा, जिसके कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
नर्सिंग कॉलेज एनओसी का यह विवाद कांग्रेस कार्यालय में हुई हालिया बैठक से शुरू हुआ था। उसी बैठक में विधायक ममता देवी ने खुले मंच से मंत्री इरफान अंसारी पर आरोप लगाए थे कि मंजूरी के लिए पैसे लेने के बावजूद फाइल आगे नहीं बढ़ाी गई। बैठक का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल है। विपक्ष का कहना है कि यह प्रकरण सरकार में बढ़ते कथित भ्रष्टाचार को उजागर करता है, जबकि सत्ता पक्ष इसे संगठनात्मक मतभेद का मसला बताकर टाल रहा है।
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह का केंद्र सरकार पर तीखा हमला
सदन में चर्चा के दौरान मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र राज्य के साथ सहयोग नहीं कर रहा और कोयला मंत्री ने वादे के बावजूद अधिकारियों को बैठक में नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री छह महीने से मिलने का समय तक नहीं दे रहे—“अगर यही स्थिति रही, तो मिलने के लिए धरना देना पड़ेगा।”
उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि बाबूलाल मरांडी पहले राज्य का 1.36 लाख करोड़ रुपये का बकाया केंद्र से दिलवाने में भूमिका निभाएं।

