RANCHI
विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार और उसके विभागों की जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि सत्र के दौरान शून्यकाल में सदन को भेजी गई कुल 440 सूचनाओं में से 321 का विभागों ने कोई जवाब ही नहीं दिया। यही नहीं, सदन में 390 आश्वासन दिए गए लेकिन एक का भी अनुपालन रिपोर्ट अब तक नहीं आई। इस तरह लगभग 90% सवालों और सूचनाओं को विभागों द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया।
मरांडी के अनुसार, विधायक अपने क्षेत्र की योजनाओं की स्थिति, विकास कार्यों की प्रगति और सरकारी प्रक्रियाओं की स्पष्टता के लिए सदन के माध्यम से जानकारी मांगते हैं, लेकिन राज्य सरकार और उसके विभाग विधानसभा को गंभीरता से लेते दिखाई नहीं देते। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार और उसका तंत्र खुद को विधानसभा से ऊपर समझने लगा है? क्या विभाग जानबूझकर जवाब देने से बच रहे हैं ताकि सरकारी नाकामियां उजागर न हों?
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में संज्ञान लेने और विधायकों के संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है। मरांडी ने कहा कि सदन की अवमानना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है और इसे किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

