JAMSHEDPUR
जमशेदपुर में राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों के अधिकारों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बुधवार को बताया कि झारखंड अब दिव्यांगता प्रमाण पत्र से प्रतिशत आधारित श्रेणीकरण को पूरी तरह हटाने जा रहा है। इसका मतलब यह है कि अब 10%, 20% या 50% जैसी कोई अलग-अलग कैटेगरी नहीं होगी। सभी दिव्यांग एक समान श्रेणी में गिने जाएंगे और सभी को बराबर अधिकार दिए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
डॉ. अंसारी ने कहा कि इस नई प्रणाली से भेदभाव खत्म होगा और दिव्यांगजन बिना किसी जटिलता के अपने अधिकार और सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के सभी सदर अस्पतालों में जल्द सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनें लगाई जाएंगी, जिसमें एमजीएम अस्पताल को भी शामिल किया जाएगा, ताकि लोगों को निजी संस्थानों पर निर्भर न रहना पड़े।
डॉक्टरों की सुरक्षा पर उन्होंने साफ कहा कि झारखंड में सभी डॉक्टर पूरी तरह सुरक्षित हैं और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट कैबिनेट स्तर पर विचाराधीन है। “मैं खुद डॉक्टर हूं, मेरे रहते किसी डॉक्टर को डरने की जरूरत नहीं,” उन्होंने जोड़ा।
सरकारी अस्पतालों के प्रति भरोसा बढ़ने का उल्लेख करते हुए मंत्री ने बताया कि डॉक्टरों के समय पर ओपीडी में बैठने से सेवाएं बेहतर हुई हैं। इसी का परिणाम है कि पिछले एक साल में जमशेदपुर सदर अस्पताल में एक लाख से अधिक मरीज पहुंचे।
एमजीएम अस्पताल की पानी समस्या पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि 9 डीप बोरिंग होने के बाद भी संकट जारी है, लेकिन टाटा स्टील से बातचीत अंतिम चरण में है ताकि नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि यह समस्या जल्द खत्म होगी।

