Ranchi
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार सुबह झारखंड, मुंबई और सूरत में एक साथ 15 ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी की यह कार्रवाई झारखंड के चर्चित चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश केजरीवाल से जुड़े ठिकानों पर केंद्रित रही। रांची स्थित उनके आवास, ऑफिस और चर्च कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय पर भी टीमों ने सर्च अभियान चलाया।
झारखंड में FEMA के तहत पहली छापेमारी
ईडी ने राज्य में पहली बार FEMA के प्रावधानों के आधार पर रेड की है। सूत्रों के मुताबिक, इनकम टैक्स विभाग की पूर्व कार्रवाई में प्राप्त दस्तावेज और डिजिटल डेटा की जांच के बाद यह केस ईडी को सौंपा गया था। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले थे कि नरेश केजरीवाल ने विदेशों में बड़े पैमाने पर अनियमित निवेश किया है, जिसमें असम और झारखंड में कमाई गई कथित “काली कमाई” शामिल हो सकती है।
विदेशी निवेश और अनियमित ट्रांजैक्शन की जांच
ईडी की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि केजरीवाल द्वारा विदेशों में भेजे गए फंड का स्रोत संदिग्ध है। टीमों ने संबंधित दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और वित्तीय लेन-देन से जुड़े कागजात जब्त कर लिए हैं। एजेंसी यह पता लगा रही है कि निवेश के लिए इस्तेमाल की गई रकम किस तरह झारखंड से बाहर भेजी गई।
FEMA के तहत कैसे होती है कार्रवाई?
फेमा उल्लंघन की जांच में ईडी विदेशी मुद्रा प्रबंधन से जुड़े नियमों के तोड़े जाने पर कार्रवाई करता है, जिसमें फंड ट्रांसफर की अनियमितता, हवालों की गतिविधियां, निर्यात आय की गैर-प्राप्ति और संदिग्ध विदेशी निवेश शामिल होता है।
जांच के दौरान ईडी को पूछताछ, दस्तावेज जब्त करने और बयान रिकॉर्ड करने का अधिकार होता है। उल्लंघन साबित होने पर संबंधित व्यक्ति को शो कॉज नोटिस भेजा जाता है और उसके बाद आर्थिक दंड, संपत्ति की जब्ती और गिरफ्तारी तक की कार्रवाई की जा सकती है।
ईडी की यह कार्रवाई प्रदेश में FEMA के तहत शुरू हुई सबसे बड़ी छापेमारी मानी जा रही है।

