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देश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा अपडेट जारी किया है। बढ़ते दबाव और जिलों से मिल रहे फीडबैक के बाद आयोग ने SIR की डेडलाइन बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे न सिर्फ आम नागरिकों बल्कि बूथ स्तर के अधिकारियों (BLO) को भी राहत मिलेगी। नए आदेश के अनुसार अब पश्चिम बंगाल और केरल में गणना फॉर्म 11 दिसंबर तक जमा किए जा सकेंगे। पहले यह अंतिम तिथि 4 दिसंबर थी, जिसे अब एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया है।
इसी तरह ड्राफ्ट मतदाता सूची भी अब पहले की तुलना में देरी से जारी होगी। पहले जहां इसे 9 दिसंबर को प्रकाशित किया जाना था, वहीं अब 16 दिसंबर को ड्राफ्ट रोल सार्वजनिक होगा। चुनाव आयोग ने कहा है कि यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि सभी जिलों में डाटा-कलेक्शन, फॉर्म जमा करने और डिजिटाइजेशन का काम सुचारू रूप से पूरा हो सके।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग द्वारा जारी संशोधित शेड्यूल के अनुसार, पोलिंग स्टेशनों के पुनर्गठन और सुधार का कार्य भी 11 दिसंबर तक पूरा करना होगा। इसके बाद 12 से 15 दिसंबर तक कंट्रोल टेबल अपडेट करने और ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल तैयार करने की प्रक्रिया चलेगी।
ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होने के बाद नागरिकों के पास 15 जनवरी तक समय होगा कि वे अपने दावे, सुधार के अनुरोध या आपत्तियां दर्ज करा सकें। निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) को 16 दिसंबर से 7 फरवरी के बीच इन सभी दावों और आपत्तियों पर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है।
समूची प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, चुनाव आयोग 12 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करेगा, जो नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगी। जबकि कुछ राज्यों में अंतिम सूची 14 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।
चुनाव आयोग के इस फैसले को मैदान में काम कर रहे BLO के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। कई जिलों में फॉर्म संग्रह और डिजिटाइजेशन का काम अभी अधूरा था, ऐसे में बढ़ी समयसीमा से उनके ऊपर का दबाव कम होगा और प्रक्रिया और भी सटीक रूप से पूरी हो सकेगी।
SIR फिलहाल 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है, और आयोग का कहना है कि समयसीमा बढ़ाने से वोटर लिस्ट ज्यादा साफ, अपडेटेड और त्रुटिरहित तैयार की जा सकेगी।

