RANCHI
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हाल के दिनों में प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी असामान्य रूप से बेचैन दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मरांडी हर रोज कोयला और लोहा माफिया का मुद्दा उठाते हैं, लेकिन धनबाद के कोयला कारोबारी लालबाबू सिंह उर्फ एल.बी. सिंह से अपने संबंधों पर मौन साधे हुए हैं।
सुप्रियो भट्टाचार्य के अनुसार, लालबाबू सिंह और बाबूलाल मरांडी के बीच “अतरंग संबंध” किसी से छिपे नहीं हैं। दोनों की एक साथ कई तस्वीरें सार्वजनिक हैं और भाजपा से लालबाबू के रिश्ते भी जगजाहिर हैं। उन्होंने ईडी से भी पूछा कि आखिर छापेमारी में लालबाबू सिंह के यहां क्या-क्या बरामद हुआ और कौन-सी डिजिटल सूचनाएं नष्ट की गईं।
उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी कार्रवाई के बावजूद एल.बी. सिंह को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? डिजिटल डेटा हटाने की जरूरत क्यों महसूस हुई? उनका दावा है कि यह सब बाबूलाल मरांडी और लालबाबू सिंह के रिश्तों की वजह से हुआ। सुप्रियो ने ईडी को “निष्पक्ष और पारदर्शी” कार्रवाई का आग्रह करते हुए कहा कि “चेहरा देखकर” काम करना बंद किया जाए।
सुप्रियो ने आरोप लगाया कि राज्य में कोयला, लोहा, जमीन या किसी भी तरह के माफिया के तार हरमु रोड स्थित भाजपा कार्यालय तक पहुंचते हैं। वह आज पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि जब ईडी मुख्यमंत्री आवास पहुंची, तो सीआरपीएफ ने पूरा परिसर घेर लिया और कार्रवाई सीधे घर के भीतर हुई। लेकिन धनबाद में एल.बी. सिंह के यहां स्थिति उलट थी—उन्होंने ईडी टीम आने पर अपने पालतू कुत्ते छोड़ दिए और दो घंटे तक घर का दरवाजा बंद रखा। ईडी को जो डायरी मिली, उसमें ‘बीएलएम’ नाम से करोड़ों के लेन-देन का जिक्र दर्ज है।
भट्टाचार्य ने कहा कि मरांडी रोज “अनर्गल प्रलाप” करते हैं। हाल में उन्होंने तंज किया था कि सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का कुछ हिस्सा मरांडी को दे दें क्योंकि “जब उन्हें कट मनी नहीं मिलती, तो वे अनर्गल बयानबाजी शुरू कर देते हैं।”
उन्होंने कहा कि दुख इस बात का है कि जिसे मरांडी ने राजनीति का पहला पाठ सिखाया, वह आज खुद को गुरु समझने लगे हैं। सांसद बनने के बाद उसका कद बड़ा जरूर हुआ है, लेकिन भाजपा के आरोप पत्र से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सुप्रियो के शब्दों में—“भाजपा के पास 2050 तक सिर्फ आरोप पत्र रहेगा, और हेमंत सरकार के पास जनता का आशीर्वाद।”

