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जम्मू में एक मुस्लिम पत्रकार का घर प्रशासन द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद एक अनोखी मिसाल देखने को मिली। पत्रकार अराफाज अहमद दैंग के हिंदू पड़ोसी कुलदीप शर्मा मदद के लिए आगे आए और उन्होंने दैंग को एक नया प्लॉट गिफ्ट कर दिया। शर्मा ने कहा कि वे अपने पड़ोसी को टूटने नहीं देंगे और उनका नया घर बनवाने में भी सहयोग करेंगे।
मामला तब शुरू हुआ जब जम्मू डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने दैंग के करीब 40 साल पुराने घर पर बुलडोजर चला दिया। दैंग का कहना है कि कार्रवाई से पहले उन्हें किसी तरह की नोटिस नहीं दी गई थी। घर ढहाने के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल भी तैनात था और सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में पुलिस को दैंग को हटाते हुए भी देखा जा सकता है।
दैंग का आरोप है कि पिछले साल उनका एक और घर तोड़ा गया था और यह दूसरा बड़ा झटका है। वे जम्मू में एक न्यूज पोर्टल चलाते थे और सरकारी डिमोलिशन ड्राइव पर लगातार रिपोर्टिंग कर रहे थे।
बीजेपी नेता रविंदर रैना ने भी दैंग के परिवार से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि केंद्र की नीति लोगों को घर देने की है, न कि छीनने की। रैना ने इस कार्रवाई को गलत बताया।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी प्रशासनिक कदम की आलोचना की और कहा कि यह सरकार को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश है। उनका कहना है कि उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त अधिकारियों ने ही यह कार्रवाई कराई है, जिससे सरकार और जनता के बीच अविश्वास पैदा हो रहा है।
इधर, सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा हिस्सा कुलदीप शर्मा की मानवता और मदद को लेकर है। लोग उनके इस फैसले की सराहना कर रहे हैं। शर्मा ने बयान दिया—
“तीन मारला का घर गिराया गया है, मैं अपने भाई को पाँच मारला का प्लॉट दे रहा हूँ। उसका घर भी मैं बनवाऊँगा।”
जम्मू में हुई इस घटना ने तनाव और विवादों के बीच एक मजबूत सामाजिक संदेश जरूर दिया है—पड़ोसी कभी सिर्फ दीवारों से नहीं बंधते, दिलों से जुड़ते हैं।

