शव रोकने वाले अस्पताल होंगे सीधे सील, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का अब तक का सबसे सख्त आदेश

27th November 2025

RANCHI

रांची के BNR चाणक्य होटल में आज आयुष्मान भारत–मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत राज्यस्तरीय एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
यह बैठक झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक सुधार की दिशा में निर्णायक मानी जा रही है। मंत्री ने साफ कहा कि राज्य की जनता के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया:
“हर निर्णय में जनता की भलाई ही सबसे बड़ा लक्ष्य होना चाहिए।”

डॉ. नेहा अरोड़ा ने स्वागत भाषण में बताया कि आयुष्मान भारत की शुरुआत झारखंड से हुई थी और अब अबुआ स्वास्थ्य योजना राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा की नई क्रांति ला रही है। उन्होंने ग्रीन चैनल पेमेंट, NAFU ट्रिगर और डिजिटल प्रोसेसिंग की महत्वता पर विस्तार से जानकारी दी।
NHA के सीईओ डॉ. सुनील कुमार बरनवाल ने झारखंड के डिजिटल, पारदर्शी और मरीज–केन्द्रित स्वास्थ्य मॉडल की खुलकर प्रशंसा की और कहा कि राज्य तेज़ी से राष्ट्रीय स्तर पर एक आदर्श मॉडल बनता जा रहा है।

डिजिटल कार्ड, ₹15 लाख सुरक्षा और अस्पतालों की मनमानी पर रोक डॉ. अंसारी का बड़ा एक्शन मोड

सरकार ने घोषणा की कि जल्द ही सभी आयुष्मान कार्ड धारकों को डिजिटल कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे अस्पतालों में प्रक्रिया तेज़ होगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़े पर पूरी तरह रोक लगेगी।
साथ ही राज्य सरकार ₹15 लाख तक की स्वास्थ्य सुरक्षा लागू करने पर तेजी से काम कर रही है, जिससे झारखंड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो रहा है।

इसके साथ ही, स्वास्थ्य मंत्री ने निजी अस्पतालों को लेकर अब तक का सबसे सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा:
मरीज की मौत पर शव रोकना अमानवीय, क्रूर और कानूनन अपराध है। ऐसी हरकत करने वाले अस्पताल को तुरंत सील कर दिया जाएगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अस्पतालों को भुगतान, संसाधन और सुविधाएँ उपलब्ध करा रही है, लेकिन मानवता और संवेदनशीलता अस्पताल प्रबंधन को दिखानी होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि दुर्घटना पीड़ितों या गंभीर मरीजों को यह कहकर वापस न भेजा जाए कि उनका इलाज कार्ड की कवरेज में नहीं है।
किसी मरीज को बिना इलाज लौटाना अस्वीकार्य है। कवरेज को सरल और स्पष्ट बनाया जाए।”

सरकार ICU, NICU और CCU के रेट फिक्स करने जा रही है ताकि निजी अस्पतालों की मनमानी और अत्यधिक बिलिंग पर रोक लग सके। यह कदम सीधे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप है और लाखों गरीब परिवारों को राहत देगा।

झारखंड के अस्पतालों का आधुनिकीकरण, उत्कृष्ट संस्थानों का सम्मान और मंत्री का संकल्प

डॉ. अंसारी ने घोषणा की कि राज्य के सभी जिला अस्पतालों और रेफरल अस्पतालों में CT स्कैन और MRI मशीनें जल्द स्थापित की जाएँगी।
सरकार अबुआ हेल्थ कार्ड को और मजबूत कर रही है ताकि राज्य का हर परिवार गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा प्राप्त कर सके।

कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अस्पतालों को सम्मानित किया गया—
रांची सदर अस्पताल — देश के श्रेष्ठ अस्पतालों में शामिल होने पर
कोडरमा सदर अस्पताल — उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए
मेदांता, राज अस्पताल और अन्य निजी अस्पताल — बेहतर सेवा और मरीज–हित में कार्य करने के लिए

अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में लगभग 70 लाख लोग स्वास्थ्य बीमा के दायरे में हैं और राज्य की 80–85% आबादी इसका लाभ उठा रही है। उन्होंने अस्पतालों को डेटा अपलोडिंग, विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए।

कार्यक्रम के अंत में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा:
मैं न पद के लिए, न शोहरत के लिए काम करता हूँ। मेरी सबसे बड़ी ताकत झारखंड की 3.5 करोड़ जनता है, और मैं सिर्फ उनकी सेवा के लिए हूँ।”

इस अवसर पर झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी की ED डॉ. नेहा अरोड़ा, अपर सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज, विभागीय अधिकारी, राज्य के सभी सिविल सर्जन और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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