NEW DELHI
प्रगति मैदान में चल रहे 44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) 2025 के पाँचवें दिन झारखंड पवेलियन आकर्षण का केंद्र बना रहा। “मिनरल कैपिटल झारखंड” थीम के तहत इस बार राज्य ने अपनी दो बड़ी ताकतों—खनिज क्षमता और कृषि विविधता—का अनूठा संगम राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया है। रागी जैसी पोषण-समृद्ध फसल से लेकर यूरेनियम जैसी रणनीतिक धातु तक, झारखंड ने अपनी अर्थव्यवस्था की विस्तृत और मजबूत तस्वीर पेश की है।
खनिज संपदा का दमदार प्रदर्शन
झारखंड, जिसे देश की मिनरल कैपिटल कहा जाता है, ने इस पहचान को और मजबूत करते हुए पवेलियन में लौह अयस्क, कोयला, अभ्रक, तांबा, यूरेनियम, बॉक्साइट, चूना पत्थर, सोना, ग्रेनाइट और विभिन्न प्रकार के पत्थरों का व्यापक प्रदर्शन किया।
ये खनिज भारत की औद्योगिक प्रगति की रीढ़ माने जाते हैं और ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इस प्रस्तुति के जरिए राज्य सरकार निवेशकों को यह स्पष्ट संदेश दे रही है कि झारखंड का खनन क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
रागी: कृषि विविधता का नया प्रतीक
खनिजों के साथ झारखंड ने अपनी कृषि क्षमता भी पूरे आत्मविश्वास के साथ दर्शाई। विशेष रूप से रागी जैसे पोषक अनाज को पवेलियन में प्रमुखता दी गई।
रागी ग्रामीण और आदिवासी किसानों के लिए न केवल टिकाऊ फसल है, बल्कि पोषण का भी सशक्त स्रोत है। पवेलियन में रागी आटा, बिस्किट, स्नैक्स और हेल्थ फूड जैसे उत्पादों ने लोगों का खूब ध्यान खींचा।
राज्य सरकार रागी को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाने, जलवायु-सहिष्णु खेती को प्रोत्साहित करने और उत्पादों के लिए बेहतर बाज़ार उपलब्ध कराने पर काम कर रही है।
झारखंड—एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति
IITF 2025 में झारखंड पवेलियन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि राज्य केवल खनिज संपदा से समृद्ध नहीं है, बल्कि कृषि, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास और सतत आर्थिक प्रगति का एक प्रभावी मॉडल भी प्रस्तुत कर रहा है।
इस विविध क्षमता ने देश-विदेश के निवेशकों में राज्य के प्रति भरोसा और संभावनाओं को नई दिशा दी है। झारखंड ने मेले में यह संदेश दृढ़ता से दिया है कि वह खनिज, कृषि और उद्योग तीनों क्षेत्रों में एक उभरती हुई आर्थिक ताकत के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

