RANCHI
झारखंड की निरंतर प्रगति भाजपा नेताओं को रास नहीं आ रही — यही कारण है कि वे लगातार झूठे आरोपों और भ्रम फैलाने की राजनीति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार जनहित, पारदर्शिता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर काम कर रही है, जबकि भाजपा का पूरा फोकस जनता को गुमराह करने और झूठी कहानियां गढ़ने पर है।
सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेताओं ने अपने शासनकाल में जिन अधिकारियों की तारीफ की थी, आज वही अधिकारी उन्हें ‘पक्षपाती’ नज़र आने लगे हैं। पुलिस किसी राजनीतिक दल की नहीं, बल्कि संविधान की शपथ लेकर कार्य करती है। कार्रवाई हमेशा साक्ष्यों और न्यायिक प्रक्रिया के तहत होती है। भाजपा जब सत्ता में थी, तब यही अधिकारी ‘ईमानदार’ कहलाते थे — अब वही ‘राजनीतिक’ कैसे हो गए? यह अवसरवादी राजनीति का उदाहरण है।
प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा जब भी किसी प्रभावशाली व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई देखती है, तो उसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का नाम देकर जनता को गुमराह करने लगती है। वहीं झारखंड सरकार पर्यावरण संरक्षण, बढ़ते वनावरण और इको-टूरिज्म जैसी उपलब्धियों की दिशा में लगातार काम कर रही है। वन विभाग में पदस्थापन और दायित्व वितरण पूरी तरह प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत होते हैं। किसी अधिकारी को अतिरिक्त जिम्मेदारी देना अनियमितता नहीं बल्कि दक्षता और कार्य की निरंतरता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है।
सरकार का कहना है कि भाजपा राज्य की इन सकारात्मक उपलब्धियों को पचा नहीं पा रही है, इसलिए वह अधिकारियों और विभागों की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रही है।
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भाजपा पुलिस बल का मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रही है। पुलिस पदक देने की प्रक्रिया पूरी तरह गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय की अनुशंसा से तय होती है, इसमें मुख्यमंत्री का कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं होता। ऐसे मामलों पर राजनीतिक बयान देना न केवल अनुचित है बल्कि मेहनती पुलिसकर्मियों की सेवा भावना का अपमान भी है।
सरकार का कहना है कि भाजपा का ध्यान विकास पर नहीं, बल्कि सुर्खियां बटोरने और भ्रम फैलाने पर है। जबकि झारखंड की जनता अब यह अच्छी तरह जानती है कि कौन काम कर रहा है और कौन सिर्फ बयानबाज़ी में व्यस्त है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य आत्मनिर्भरता, हरित विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।




