Ranchi
बड़कागांव की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद समेत अन्य पर दर्ज 50 लाख रुपये के गबन मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस केस में आरोपियों को क्लीन चिट देने वाले तत्कालीन अनुसंधानकर्ता दारोगा अमित कुमार और तत्कालीन पर्यवेक्षण पदाधिकारी एसडीपीओ कुलदीप कुमार के खिलाफ भी अब मुकदमा चलेगा।
दोनों अधिकारियों ने इस मामले में आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए इसे ‘सत्य सूत्रहीन’ (एफआरटी – नो क्लू) बताते हुए अदालत में अंतिम रिपोर्ट सौंप दी थी। शिकायतकर्ता ने इस रिपोर्ट को चुनौती देते हुए हजारीबाग के सीजेएम कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल की थी।
कोर्ट ने अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार और पवन कुमार यादव की दलीलें सुनने के बाद शिकायत को स्वीकार कर लिया। अब दोनों अधिकारी भी जांच की जद में आ गए हैं।
कब और कैसे शुरू हुआ था मामला
शिकायतकर्ता राम सेवक, जो बड़कागांव स्थित कर्णपुरा कॉलेज के संस्थापक और दानदाता हैं, ने 2021 में हजारीबाग सीजेएम कोर्ट में शिकायतवाद संख्या 835/21 दाखिल किया था। न्यायालय के आदेश पर उसी वर्ष बड़कागांव थाना में कांड संख्या 113/21 दर्ज हुई।
मामले की जांच कर रहे दारोगा अमित कुमार ने इसे साक्ष्यहीन बताते हुए अंतिम रिपोर्ट दे दी थी। एसडीपीओ कुलदीप कुमार ने भी रिपोर्ट पर अपनी सहमति जताई थी।
शिकायतकर्ता का आरोप
राम सेवक का कहना है कि 22 फरवरी 2021 को कॉलेज से जुड़ी एक शासी निकाय की बैठक बुलाई गई थी, जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन विधायक अंबा प्रसाद ने की थी। जबकि उस समय कॉलेज का शासी निकाय अस्तित्व में ही नहीं था।
शिकायत के अनुसार, इस बैठक में अवैध निर्णय लिए गए और विधायक सहित अन्य आरोपितों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर 50 लाख रुपये के गबन की कथित साजिश रची।
जांच में अनदेखी का आरोप
बड़कागांव के तत्कालीन एसडीपीओ ने अनुसंधानकर्ता को 28 बिंदुओं पर जांच का निर्देश दिया था। दारोगा ने इसके तहत विश्वविद्यालय के कुलपति और कॉलेज प्राचार्य को पत्र भी भेजा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बावजूद बिना गवाही या ठोस साक्ष्य के केस को “नो क्लू” बताकर कोर्ट में बंद कर दिया गया।
किन पर है आरोप
मुकदमे में पूर्व विधायक अंबा प्रसाद, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव, रजिस्ट्रार डॉ. वंशीधर प्रसाद रुखैयार, प्रोफेसर डॉ. इंद्रजीत कुमार, कीर्तिनाथ महतो, कॉलेज सचिव टुकेश्वर प्रसाद, इतिहास विभाग के प्रोफेसर सुरेश महतो, ज्योति जलधर, प्रोफेसर डॉ. कौशलेंद्र कुमार, तत्कालीन जिला आपूर्ति पदाधिकारी अरविंद कुमार, भोगेश्वर महतो, तत्कालीन एसडीपीओ कुलदीप कुमार, और दारोगा अमित कुमार समेत अन्य अज्ञात शामिल हैं।




