Ranchi
उर्दू भाषा के प्रसिद्ध लेखक और शायर डॉ. महफ़ूज़ आलम की दो पुस्तकों — हिंदी व्यंग्य संग्रह “देख तमाशा उँगली का” और उर्दू कविता संग्रह “रक़्स अंगूशत” — का विमोचन शनिवार को प्रेस क्लब, राँची में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान हुआ। इस अवसर पर उर्दू साहित्य जगत के अनेक प्रतिष्ठित कवि, लेखक और विद्वान उपस्थित थे।
डॉ. महफ़ूज़ आलम की हिंदी रचना “देख तमाशा उँगली का” एक हास्य-व्यंग्य संग्रह है, जिसमें कुल 26 व्यंग्य रचनाएँ शामिल हैं। इन रचनाओं के माध्यम से लेखक ने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विसंगतियों पर तीखा व्यंग्य किया है, साथ ही उन्हें मज़ाकिया और मनोरंजक अंदाज़ में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है।

वहीं उनकी उर्दू कृति “रक़्स अंगूशत” अपनी शायरी की नज़ाकत और अदबी ख़ूबसूरती के लिए सराही जा रही है।
कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों, विचारकों और शायरों ने दोनों पुस्तकों पर अपने-अपने विचार रखे और डॉ. महफ़ूज़ आलम को इस रचनात्मक उपलब्धि के लिए बधाई दी।
इस मौके पर प्रमुख रूप से डॉ. विनोद कुमार, डॉ. आफ़ताब अहमद, पंकज मित्र, एहसान तबिश, शालिनी सहबा, शहाब हमज़ा, सुहैल सईद, डॉ. अब्दुल बासित, और डॉ. राजश्री जयंती सहित कई साहित्यप्रेमी मौजूद रहे।





