108 एम्बुलेंस की लापरवाही से 14 वर्षीय युवक की मौत, जिला प्रबंधक पर भ्रष्टाचार का आरोप

19th October 2025

19th October 2025

19th October 2025

CHATRA
चतरा जिले के जोरी थाना क्षेत्र के ग्राम जोरी में एक सड़क दुर्घटना में 14 वर्षीय राकेश कुमार (पिता: संतोष यादव) की मौत हो गई। राकेश कुमार, ग्राम धनगिरी सलैया का निवासी, सुबह लगभग 9 बजे बाइक दुर्घटना का शिकार हुआ।

स्थानीय लोगों ने तुरंत 108 एम्बुलेंस सेवा को सूचना दी, लेकिन एम्बुलेंस घटनास्थल पर समय पर नहीं पहुंची। घायल युवक को तत्काल टेंपू के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोरी लाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल चतरा रेफर किया।

सदर अस्पताल ले जाने के लिए पुनः 108 एम्बुलेंस सेवा को कॉल किया गया, लेकिन कॉल सेंटर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई। इसके बजाय सदर चतरा से एम्बुलेंस भेजी गई, जिसमें भारी विलंब हुआ। जानकारी मिली कि एम्बुलेंस की स्थिति ठीक नहीं थी और इसे चलाने के लिए धक्का देना पड़ रहा था।

अंततः सदर अस्पताल चतरा पहुँचने के बाद युवक की हालत गंभीर होने पर उसे हजारीबाग रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही राकेश कुमार की मृत्यु हो गई। इस घटना से परिजनों और स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया और उन्होंने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोरी के 108 एम्बुलेंस चालकों और तकनीशियनों ने आरोप लगाया कि जिला प्रबंधक (ACO) राजकुमार द्वारा कर्मचारियों से घूस की मांग की जा रही थी। कर्मचारियों द्वारा घूस देने से इंकार करने पर, जोरी में मौजूद एम्बुलेंस को जानबूझकर ऑफ-रोड कर दिया गया, जिसके कारण दुर्घटना के समय एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई और राकेश कुमार को समय पर सहायता नहीं मिल सकी।

झारखंड प्रदेश एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष और चतरा जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार ने कहा कि चतरा जिले में 108 एम्बुलेंस संचालन में गंभीर अनियमितताएं चल रही हैं। उन्होंने बताया कि जिला प्रबंधक राजकुमार लगातार भ्रष्टाचार और दबावपूर्ण कार्य कर रहे हैं। कर्मचारियों ने लगभग 10 दिन पहले सिविल सर्जन चतरा को आवेदन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद संघ ने दो दिन पहले उपायुक्त चतरा को ज्ञापन सौंपा।

संघ ने स्पष्ट किया कि आज की यह दर्दनाक घटना पूरी तरह जिला प्रबंधक की लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है। निजी स्वार्थ और घूसखोरी के कारण एम्बुलेंस को ऑफ-रोड किया गया, जिससे एक निर्दोष बालक की जान गई। इसके कारण कई गरीब, असहाय और बीमार लोगों को समय पर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रही है। संघ ने तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। यदि एम्बुलेंस समय पर उपलब्ध होती, तो संभवतः राकेश कुमार की जान बचाई जा सकती थी।

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