GARHWA
गढ़वा जिले में दसवीं की छात्रा दिव्या कुमारी की मौत के बाद पूरे इलाके में गुस्सा और शोक का माहौल है। परियोजना प्लस टू उच्च विद्यालय बड़गाढ़ में शिक्षिका द्रौपदी मिंज द्वारा की गई कथित पिटाई के बाद छात्रा की हालत बिगड़ गई थी और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। घटना ने शिक्षा जगत और प्रशासन दोनों को झकझोर कर रख दिया है।
मामले के तूल पकड़ते ही शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षिका द्रौपदी मिंज का रंका परियोजना विद्यालय में स्थानांतरण कर दिया है। साथ ही महिला बीईइओ के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है, जिसने मंगलवार को विद्यालय पहुंचकर पूरी घटना की जांच शुरू की।
गढ़वा डीसी के निर्देश पर मेडिकल टीम ने छात्रा का सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की जाएगी।
दिव्या की मौत के बाद ग्रामीणों और परिजनों ने शव के साथ सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद प्रशासन को हालात संभालने के लिए मौके पर पहुंचना पड़ा। स्थानीय लोगों की मांग है कि दोषी शिक्षिका को निलंबित कर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों के मुताबिक, दिव्या हमेशा अनुशासित और पढ़ाई में अच्छी थी। बताया जा रहा है कि वह जिस दिन स्कूल में जूते की जगह चप्पल पहनकर आई थी, उसी पर शिक्षिका ने उसे सबके सामने पीट दिया था। इस अत्यधिक शारीरिक सजा के बाद दिव्या को गंभीर चोटें आईं और वह कोमा में चली गई।
दिव्या की मौत अब सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि यह सवाल बन गई है कि क्या हमारे स्कूलों में अनुशासन के नाम पर हिंसा की गुंजाइश होनी चाहिए?




