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अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन से आने वाले सभी उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद क्रिप्टोकरेंसी और शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। बिटकॉइन की कीमत कुछ ही घंटों में $117,000 से गिरकर $108,000 पर आ गई, जिससे निवेशकों में घबराहट फैल गई।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि यह कदम चीन के “आक्रामक और अभूतपूर्व” निर्यात नियंत्रणों के जवाब में उठाया गया है। चीन ने 1 नवंबर 2025 से अपने कई प्रमुख उत्पादों, खासकर दुर्लभ-पृथ्वी धातुओं (rare-earth metals), पर निर्यात नियंत्रण लगाने की घोषणा की थी, जिनका इस्तेमाल रक्षा, AI और सेमीकंडक्टर उद्योगों में होता है।
ट्रंप ने न केवल चीन पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया, बल्कि यह भी कहा कि अमेरिका अब कुछ संवेदनशील सॉफ्टवेयर और तकनीकी उपकरणों के निर्यात पर भी रोक लगाएगा।
क्रिप्टो बाजार में भूचाल
इस घोषणा का असर तुरंत ही क्रिप्टो बाजार में दिखाई दिया। बिटकॉइन ने कुछ ही घंटों में करीब 10% की गिरावट दर्ज की। अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे एथेरियम और सोलाना में भी 20% से 40% तक की भारी गिरावट आई। हालांकि लेख लिखे जाने तक बिटकॉइन की कीमत कुछ सुधार के साथ $113,000 के आसपास पहुंच गई थी, लेकिन बाजार में भारी अस्थिरता बनी हुई है।
वैश्विक शेयर बाजारों में भी गिरावट
क्रिप्टो के साथ-साथ शेयर बाजारों पर भी ट्रेड वॉर का असर पड़ा।
अमेरिका का S&P 500 इंडेक्स 2% गिरा।
Nasdaq 2.7% तक लुढ़क गया।
क्रिप्टो से जुड़ी कंपनियों जैसे Coinbase, Robinhood और MicroStrategy के शेयर 3% से 12% तक टूट गए।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि राष्ट्रपति ट्रंप ने APEC समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ होने वाली अपनी बैठक भी रद्द कर दी।
बिटकॉइन की रैली पर ब्रेक
यह गिरावट खास इसलिए भी अहम है क्योंकि कुछ ही दिन पहले बिटकॉइन ने $126,000 का नया ऑल-टाइम हाई बनाया था। विश्लेषकों का मानना था कि यह तेजी $180,000 तक जा सकती थी। लेकिन अचानक बढ़े इस जियोपॉलिटिकल तनाव ने निवेशकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है और क्रिप्टो मार्केट को अनिश्चितता के दौर में धकेल दिया है।




