साहिबगंज
झारखंड के साहिबगंज ज़िले के उधवा प्रखंड के गांव बेगमगंज से एक चौंकाने वाला राशन घोटाला सामने आया है, जो बीते करीब 10 वर्षों से जारी है। गांव के निवासियों द्वारा मीडिया को भेजे गए एक पत्र के मुताबिक, साल 2016 से लेकर अब तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पात्र राशन कार्ड धारकों को प्रति व्यक्ति हर महीने 5 किलोग्राम की बजाय केवल 4.5 किलोग्राम राशन ही दिया जा रहा है।
यह आधा किलो प्रति व्यक्ति की कटौती, पूरे प्रखंड में एक बहुत बड़े राशन विचलन (डायवर्जन) की ओर इशारा करती है, जिसकी अनुमानित कुल राशि ₹311 करोड़ से भी अधिक बताई जा रही है। यह घोटाला करीब 1 करोड़ किलो खाद्यान्न के गबन से जुड़ा हुआ है, जिससे हज़ारों ग़रीब परिवार प्रभावित हुए हैं।
जान को खतरा, पर हिम्मत नहीं हारी
इस घोटाले को उजागर करने वाले ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही उन्होंने इसकी शिकायत संबंधित विभागों में की, उन्हें जान से मारने की धमकियाँ मिलने लगीं। साथ ही, झूठे मुकदमों में फंसाने की चेतावनी भी दी गई। शिकायतकर्ता ने लिखा है कि वह और उनका परिवार लगातार भय के माहौल में जी रहा है।
“हर महीने होता अन्याय, पर कोई सुनवाई नहीं”
गांववासियों का कहना है कि उनके राशन कार्ड पर स्पष्ट रूप से 5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति का उल्लेख है, फिर भी उन्हें कम राशन ही दिया जाता है। गरीब परिवार, जो पूरी तरह से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) पर निर्भर हैं, उन्हें महीनों से अधूरा राशन मिल रहा है, जिससे कुपोषण और भुखमरी की स्थिति बनी हुई है।
सरकार से न्याय की मांग
ग्रामीणों ने मीडिया से अपील करते हुए कहा है कि वे इस मुद्दे को व्यापक स्तर पर उठाएं, ताकि राज्य सरकार तक सच्चाई पहुंचे और इस गम्भीर घोटाले की निष्पक्ष जांच हो सके। साथ ही, घोटाले का पर्दाफाश करने वाले लोगों को सुरक्षा और संरक्षण दिया जाए।




