द न्यूज डेस्क
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। इनमें 21 महिलाएं और कुछ नाबालिग भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में 30 नक्सलियों पर कुल 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस घटनाक्रम पर खुशी जताते हुए कहा कि डबल इंजन वाली सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूर्ण रूप से खात्मा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि समर्पण करने वाले माओवादियों को सम्मानजनक पुनर्वास और बेहतर जीवन प्रदान किया जाएगा।
बस्तर संभाग में चलाए जा रहे ‘पूना मारगेम’ (पुनर्वास से पुनर्जीवन) अभियान और दंतेवाड़ा के ‘लोन वर्राटू’ (घर वापसी) कार्यक्रम के प्रभाव से ये नक्सली आत्मसमर्पण के लिए आगे आए हैं।
महिलाएं और किशोर भी शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में कई महत्वपूर्ण नाम शामिल हैं। प्लाटून नंबर दो के डिप्टी कमांडर बामन मड़काम (30) और कंपनी नंबर एक की सदस्य मनकी उर्फ समीला मंडावी (20) पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था। वहीं, जनमिलिशिया कमांडर शमिला उर्फ सोमली कवासी, एरिया कमेटी सदस्य गंगी उर्फ रोहनी बारसे, संतोष मंडावी और देवे उर्फ कविता माड़वी पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था।
इसके अलावा, कुछ माओवादियों पर तीन लाख, दो लाख, एक लाख और 50 हजार रुपये तक के इनाम भी घोषित थे। इन पर पुलिस पार्टी पर हमले, आगजनी और अन्य नक्सली घटनाओं में शामिल होने के आरोप हैं।
नक्सली जीवन की हकीकत: शमिला की आपबीती
आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली शमिला ने बताया कि वह 2009 से माओवादी संगठन में सक्रिय थी। उसने बताया कि संगठन में रहते हुए उसने मल्लेश नाम के माओवादी कमांडर से विवाह किया, लेकिन बच्चे पैदा करने की अनुमति नहीं थी।
शमिला ने कहा, “अब मैं एक सामान्य और सुरक्षित जीवन जीना चाहती हूं। मैंने अपने पति को भी संगठन छोड़ने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला।” शमिला चाहती है कि उसका पति भी आत्मसमर्पण कर उनके साथ सामान्य जीवन की ओर लौटे।
मुख्यमंत्री ने जताई उम्मीद
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर सोशल मीडिया पर लिखा, “छंट रहा है नक्सलवाद का अंधियारा, बदल रहा है दंतेवाड़ा। हमारी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना ने बस्तर में विश्वास का नया माहौल बनाया है। अब लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास और शांति की राह अपना रहे हैं।”




