रांची
पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म के समापन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भावुक संदेश दिया। उन्होंने कहा, “बाबा आपकी कमी कोई नहीं भर सकता, अब आपके मार्ग पर चलना ही हमारा कर्तव्य है। अब आपका सपना, हमारा संकल्प है।”
16 अगस्त 2025 को रांची जिले में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभाओं में जनसैलाब उमड़ पड़ा। जिले के हर कोने में लोगों ने अश्रुपूर्ण नेत्रों से उन्हें याद किया। सरकारी कार्यालयों से लेकर गांवों तक, हजारों लोगों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
महिलाओं की अगुवाई में ग्राम स्तर तक श्रद्धांजलि
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) के अंतर्गत संचालित 64 क्लस्टरों और सभी ग्राम संगठनों में सैकड़ों स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं ने श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया। इन आयोजनों में सामाजिक कार्यकर्ता, स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए।
“दिशोम गुरु – गरीब और वंचितों की आवाज”
SHG की दीदियों ने कहा कि शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए लड़ने वाले जननेता थे। उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत है, और उनका संघर्ष झारखंड के हर नागरिक के दिल में जीवित है।
गांव-गांव तक गूंजे विचार
इन श्रद्धांजलि सभाओं में महिलाओं ने कहा, “दिशोम गुरु की सादगी और संघर्षशीलता ने उन्हें जन-जन का नेता बनाया। उनके विचार आज भी गांव की गलियों से राजधानी तक गूंजते हैं।” लोगों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रमों में यह भावना मुखर होकर सामने आई कि दिशोम गुरु का योगदान झारखंड के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। उनके मूल्य और आदर्श आने वाली पीढ़ियों को भी राह दिखाते रहेंगे।




