ambulance could not reach the house due to lack of road and bridge
हजारीबाग
देश जहाँ आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है,विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है,परन्तु आज भी विष्णुगढ़ प्रखण्ड के सुदूरवर्ती इलाको में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। विष्णुगढ़ प्रखण्ड अन्तर्गत गोविन्दपुर पंचायत के ग्राम चितरामो से गिधिनियां, परसातरी, मोसरीतरी इन कस्बो में काफी सघन आबादी आदिवासियों की है, परन्तु आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद आज तक ना यहाँ सड़क गई है,ना हीं नाले पर पुल बना है।यह मामला तब प्रकाश में आया जब गिधिनियां टोला निवासी प्रवासी मजदूर शनिचर मराण्डी की मौत 28 जुलाई 25 कर्नाटक के काकीनाड़ा में हो गई थी। रविवार करीब 1 बजे जब प्रवासी मजदूर शनिचर मराण्डी का शव एम्बुलेंस से आया ,परन्तु कच्ची सड़क की खस्ताहाल हालत एवं नाले में पानी ज्यादा आ जाने की वजह से प्रवासी मजदूर का शव घर से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर रोक दिया गया। वहाँ मृतक के परिजन एवं ग्रामीणों ने शव को खटिया में लादकर बाँस की बल्ली लगाकर बड़ी मुश्किल से नाला पारकर शव को मृतक के घर ले जाया गया।
इस संबंध में विष्णुगढ़ उप-प्रमुख,पंसस सह जेएलकेएम जिलाध्यक्ष सरयू साव ने कहा कि गिधिनियां, परसातरी एवं मोसरीतरी में करीब 600 आदिवासी निवास करते है, बारिश के समय ये लोग कही आ जा नही पाते,विकट परिस्थितियों में लोग यही दम तोड़ देते है। आजादी के 75 सालों में यह गाँव आज तक बुनियादी सुविधाओं जैसे पानी,बिजली,सड़क और पुल के आभाव में दुनियां से कटे है। हमारी माँग है, इन आदिवासी भाई बहनों को यह हक मिले जिसके वे हकदार है।




